पुराने आशिक वफा तलाश करते थै, आज के आशिक जगह तलाश करते है..
सुख मेरा, काँच सा था.. ना जाने कितनों को चुभ गया..!!
जिँन्दगी मे इतनी शिद्दत से निभाना अपना किरदार . के परदा गिरने के बाद भी तालियां बजती रहे
~ बड़ा अजीब सा जहर था उसकी यादों का सारी उम्र गुजर गयी मरते – मरते .. ^
इतनी शिकायत , इतनी शर्तें , इतनी पाबन्दी, तुम मोहब्बत कर रहे हो या सौदा कोई !!
मोहब्बत सिर्फ मोहब्बत चाहती है, किसीकी महेरबानी नहीं !!
इतना खुश रहो के साला गम बी कहे गलती से मे यहा कहा आ गया।
काग़ज़ पे तो अदालत चलती है.. हमने तो तेरी आँखो के फैसले मंजूर किये।
~Hum To Agaaz’E-Mohabbat Mein Hi Lutt Gy, Log Toh Kehte The Ke Anjaam Bura Hota Haii .. ‘
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