DP mat dekh Pagli Dil dekh Dil, Branded hai.
आँखों के अंदाज़ बदल जाते हैं जब कभी हम उनके सामने जाते हैं
कोई नहीं बचाकर रखना चाहता है यादें जान से प्यारे खत बेरुखी से जलने लगे हैं !!
इतनी शिकायत , इतनी शर्तें , इतनी पाबन्दी, तुम मोहब्बत कर रहे हो या सौदा कोई !!
~Kabhii Aaye Ga Use Bhi Mera Khayal, Shayad Yeh Bhi Mera Khayal Hy .. ‘
सब मशरूफ थे नया साल मनाने में मैंने मेरी रूठी खुशियों को मना लिया..
~Jiski Sazza Sirf Tum Ho Aiisa Koii Gunaah Karna Hai Mujhe .. ‘
त्यौहारों के बहाने ही सही, रिश्ते तो घर लौट आते है…
दर्द आवाज छीन लेता है ओर खामोशी की कोई वजह नही होती
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