अपने अंदर ही सिमट जाऊँ तो ठीक ,
मैं हर इक रिश्ते से कट जाऊँ तो ठीक…
थोड़ा थोड़ा चाहते हैं सब मुझे,
मैं कई टुकड़ॊं में बँट जाऊं तो ठीक…


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