Preet Singh Leave a comment किसी ने कहा था, किसी से ना कहना, लगे चोट दिल पे तो खामोश ही रहना, जहाँ चोट खाना ,वहाँ मुस्कुराना, मगर मुस्कुराना इस तरह से की ऱोदे ज़माना. Copy