ना पूछ मेरे सब्र की इंतेहा कहाँ तक हैं,
तू सितम कर ले, तेरी हसरत जहाँ तक हैं,
वफ़ा की उम्मीद, जिन्हें होगी उन्हें होगी,
हमें तो देखना है, तू बेवफ़ा कहाँ तक हैं..
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जिदंगी में वैसे ही मुश्किले कम नहीं है और अब एक और परेशानी आ गई है, समझ में ही नहीं Continue Reading..
~Badla Jo Rang Usne Hairat Huyi Mujhe .. Mausam Ko Bhii Maat De Gayi Fitrat Janaab Ki .. ^
उसे लगता है की उसकी चालाकियाँ मुझे समझ नही आती मै बड़ी खामोशी से देखता हु उसको अपनी नजर से Continue Reading..
कोई सूरज के साथ रह कर भी भूला नहीं अदब, लोग जुग्नू का साथ पाकर… मगरूर हो गए.!!
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