एक बीज “मोहब्बत “का क्या बो दिया…!!! . . सारी फसल” दर्द “की काटनी पडी…!!!
बात तो सिर्फ जज़्बातों की है, वरना… मोहब्बत तो सात फेरों के बाद भी नहीं होती..!!
रूठेंगे तुमसे तो इस कदर की, तुम्हारी आँखे मेरी एक झलक को तरसेंगी
मुझे रुलाकर सोना तेरी आदत बन गयी है .. जिस सुबह मेरी आँख न खुली उस दिन तुझे तेरी अपनी Continue Reading..
पता था कि उसकी हँसी मुझे पसन्द है इसलिए उसने जब भी दर्द दिया मुस्करा कर दिया,.,!!
“समन्दर भी हैरान था ,हमें डूबते देखकर.. .की कैसा शख्स है किसी को पुकारा तक नही.!!”
मेरे सबर की इन्तहा क्या पूछते हो ऐ दोस्त वो मुझसे लिपट कर रोये भी तो किसी और के लिए….
मेरी मौत की खबर देना उन्हे मगर इन अल्फ़ाज में… तुम्हारे लिये रोया और चुपचाप सो गया
Kuch Tu SambhaaL k RaKhTay. MuJh Ko Bhi Kho Diya TuM Ne..
nitnem gutka sahib ch shayri na kro khalsa g
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