Preet Singh Leave a comment दर्द कितने हैं बता नहीं सकता …… ज़ख़्म कितने हैं दिखा नहीं सकता …… आँखों से समझ सको तो समझ लो ….. आंसू गिरें हैं कितने , गिना नहीं सकता … Copy