Preet Singh Leave a comment ग़म इस बात का नहीं है की मैं रोज़ धीरे धीरे मर रहा हूँ, ग़म तो इस बात का है की मेरे चले जाने के बाद तेरी ख़ुशी के लिए दुआ कौन माँगेगा.” Copy