Preet Singh Leave a comment ज़ख्म जब मेरे सीने के भर जाएंगे; आंसू भी मोती बन के बिखर जाएंगे; ये मत पूछना किसने दर्द दिया; वरना कुछ अपनों के सर झुक जाएंगे। Copy