Preet Singh Leave a comment इसे कहते हैं अर्थ का अनर्थ होना ÷ 😜😜😜 सुबह नहा के छत पर कच्छा टांगने गया तो पडोसन भी अपनी सलवार टांगते हुए बोली बारिश आने वाली है जब अपना कच्छा उतारे तो मेरी भी सलवार उतार देना। Copy