रजाई के लिये सर्दी के मौसम में
एक स्टूडैन्ट हॉस्टल से
अपने पापा को खत लिखता है।लेकिन उसके कुछ शरारती दोस्त
रजाई की जगह लुगाई लिख देते है ।।
3इडियट फ़िल्म की तरह। और जब पापा
खत पडते है तो!!
आदरणीय पापाजी !
चरण स्पर्श,
मैं यहां ठीक हूँ और आशा करता हू
कि आप लोग सब अच्छे से होगे।।
आगे समाचार यह है कि मेरी लुगाई
पुरानी और बेकार हो गई है ।।
और यहॉ सर्दी अधिक पड रही है ।।
अभी दोस्तो की लुगाइयों से कामचल रहा था
लेकिन सर्दी अधिक पडने से वे भी अपनी लुगाई
देने मे आना कानी करते है ।।
मेरे लिये एक लुगाई का इंतजाम कर दो ।।
नई ना ला सको तो बडे भैया की लुगाई भेज दो ।।
बडे भैया की ना मिले तो मझले भैया की लुगाई भेज। दो ।
सर्दी मे बुरा हाल है
दो भाईयों मे से किसी एक की लुगाई
जरूर भेज दो।
दोनों मे से किसी की भी न भेज सको तो।
पैसे भेज दो
मैं यहॉ किराये कि लुगा1ई ले लूंगा ।।
—आपका पुत्रपप्पू
उसका बाप और भाईघर से डंडे लेकर निकले हैं।। सोच सकते हैं क्या हाल होने वाला है उसका
क्योंकी हर 1फ्रेंड कमीना होता है।
मिस यू ऑल फ्रेंड