संता कंटला हुआ था उतने में बंता आया ।
बंता – मैं तुझे उर्दू में सवाल करुंगा, तुझे भी उर्दू में ही जवाब देना है
संता – ठिक है
बंता – गुस्ताखी मुआफ हो जनाब, आप क्या कर रहे है ।
संता – इज्जत की डोर को उलझनों की जकड़ और कश्मकश से आजाद कर रहा हुँ
बंता – मतलब ?
संता – अबे गधे, पजामे का नाडा गुच्छम हो गया है,
उसे निकाल रहा हुँ ।