लखनऊ का मशहूर बाजार है….
हज़रत गंज
शाम के 5 बजे बाजार भीड़ से भरा हुआ था। इसी भीड़ में पति-पत्नी एक दूसरे से लड़ने में व्यस्त थे और लगभग 200 लोग उनके इस तमाशे का मज़ा ले रहे थे।
बात कुछ यूँ थी कि पत्नी जिद कर रही थी अपने पति से कि आज आप कार खरीद ही लीजीये मैं थक गई हूं आपकी मोटर साइकिल पर बैठ बैठ कर।
पति ने कहा……. ओए पागल औरत तमाशा ना बना मेरा दुनिया के सामने। मोटर साइकिल की चाभी मुझे दे।
पत्नी- नहीं, तुम्हारे पास इतना पैसा है । आज कार लोगे तो ही घर जाऊंगी।
पति-“अच्छा तो ले लुँगा अब चाभी दो”
पत्नी – नहीं दूंगी।
पति- “अच्छा ना दो मैं ताला ही तोड़ देता हूँ”
पत्नी ने कहा…. तोड़ दो लेकिन ना चाभी मिलेगी ना में साथ जाऊँगी ।
पति – “अच्छा तो ये ले मैं ताला तोड़ने लगा हूँ जाओ तुम्हारी मर्ज़ी मेरे घर ना आना”
पत्नी – जाओ जाओ नहीं आती तुम जैसे कंजूस के घर।
पति ने लोगों की मदद से मोटरसाइकिल का ताला खोल लिया, अपनी बाइक पर बैठ गया और बोला, “तुम आती हो या मैं जाऊँ”
वहाँ खड़े लोगों ने पत्नी को समझाया – चली जाओ इतनी सी बात पर अपना घर न खराब करो।
फिर पत्नी ने पति से वादा लिया कि वह बाइक बेचकर जल्द ही कार लेगा। दोनों की सुलह हो गयी और दोनों चले गए।
अच्छी कहानी है न 👏🏻👏🏻👏🏻
लेकिन अभी ख़त्म नहीं हुई है
तो जनाब………
ठीक आधे घंटे बाद उसी जगह पर फिर से भीड़ लगी थी।
एक बंदा शोर कर रहा था……..
कोई मेरी मोटरसाइकिल दिन दहाडे चुरा कर ले गया।