सरकारी मास्टर को दाँत निकलवाने का खर्च दाँत के डॉक्टर ने 1200 रुपए बताया.
मास्टर–” कोई सस्ता इलाज नहीं है डॉक्टर साहब ?
डॉक्टर—” बिना एनेस्थेसिया के 300 रुपए में हो जाएगा मगर दर्द बहुत सहना होगा। ”
मास्टर—” ठीक है डॉक्टर साहब, बिना एनेस्थेसिया वाला कीजिए। ”
डॉक्टर ने किया. उसे बड़ा आश्चर्य हुआ कि, मास्टर दर्द से ज़रा भी नहीं कराहा, बल्कि मुस्कुराता 😊 ही रहा.
काम होने के बाद आश्चर्यचकित डॉक्टर ने 300 रुपए फीस भी नहीं ली. बल्कि, अपनी तरफ से उसे 500 रुपए का ईनाम दिया कि, ऐंसा जाँबाज शख्स उसने जिंदगी में नहीं देखा।….
शाम को डॉक्टर्स क्लब में अन्य डॉक्टर्स के साथ उसने मास्टर नामक पेशेंट की जाँबाजी का किस्सा शेयर किया.
सारे डॉक्टर्स में से एक डॉक्टर उठा और चिल्लाया” अरे, वो मास्टर पहले मेरे पास आया था. मैंने उसे एनेस्थेसिया दिया और कहा कि वो आधा घंटा बाहर इन्तजार करे.
आधे घंटे बाद जब मैंने उसे बुलाया तो पता लगा कि वो तो भाग गया है.
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हर बाप का एक बाप होता है.
उसे हम“` *मास्टर जी* “`कहते है.