मास्टर साहब ATM से कुछ रूपये निकालने के लिए गए तो पता चला कि मशीन ही खराब है।
चेकबुक जेब में थी तो बैंक के अंदर गए। कैशियर को एक हज़ार रुपये का चेक काट कर कैश करने को दिया।
कैशियर ने कहा: जनाब! हमारे पास नया नियम आया है कि अगर चेक पांच हज़ार रूपये से कम का होगा तो हम आपके खाते में से चार्ज के नाम पर दस रूपये काटेंगे।
मास्टर साहब ने कैशियर से चेक वापस ले लिया और छः हज़ार रूपये का नया चेक कैश करने को दिया। कैशियर ने जरूरी कार्रवाई करने के बाद जैसे ही छः हज़ार रूपये का कैश मास्टर साहब को देना चाहा, मास्टर साहब ने उसमें से एक हज़ार रूपये उठाकर एक स्लीप के साथ शेष रूपये कैशियर को देते हुए कहा कि वह ये पांच हज़ार रूपये उनके खाते में जमा कर दे।
कैशियर ने खाने वाली नज़रों से मास्टर साहब को घूरा तो मास्टर साहब ने मुस्कुराते हुए कहा: बेटे जिसने ये नया नियम बनाया है न उसे भी किसी मास्टर ने ही पढ़ाया है, मास्टर सदैव मास्टर ही होता है ।
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