“लाली मेरे लाल की जित देखूं तित लाल।लालि देखन मै गयी मैं भी हो गयी लाल”*
लिखने वाले ने जो भी भाव रखा हो
लेकिन एक विद्यार्थी ने लिखा…..: *”इन पंक्तियों मे एक महिला जो कि दादी है, हॉस्पिटल मे अपनी नव जन्मी पोती को देखने गयी, कहती है ‘जिधर भी देखती हूँ सबके लाल पैदा हुए थे पर मेरे लाल के लाली पैदा हो गई, ये सोच कर मैं गुस्से मे लाल हो गयी'”* 😡
हिन्दी के गुरूजी सदमें में है कि नम्बर कितने दू चेले को.