आज सुबह सुबह थोड़ा सा आध्यात्मिक
हो गया
..
और आंखें बंद करके सोचने लगा: 😊
कौन हूँ मैं?
कहाँ से आया हूँ?
क्यों आया हूँ?
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तभी किचन से आवाज़ आई-
एक नम्बर के आलसी हो तुम,
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पता नहीं कौन सी दुनिया से मेरा
वक्त खराब करने यहाँ आये हो,
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उठो और नहाके काम पर जाओ.
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मेरे तीनों प्रश्नों का बिन मांगे उत्तर मिलने से
मुझे संपूर्ण ज्ञान की प्राप्ति हो गई.