एक गली में एक पंडित जी एक कुतिया का एक कान पकड़ कर खड़े हुए थे ।
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एक मौलवी साहब उधर से गुजरे, तो उन्होंने पूछा – क्या हुआ पंडित जी ?
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पंडित जी – इस कुतिया का बायाँ कान पकड़कर जो भी मन से मांगो वो मिल जाता है ।
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मौलवी – मुझे भी पकड़ने दो एक बार ।
उसके कान पकड़ते ही पंडित जी भागने लगे ।
मौलवी – क्या हुआ ?
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पंडित – ये कुतिया पागल है कान छोड़ते ही काट लेती है । मुझे भी कोई ऐसे ही पकड़ा गया था ।