Preet Singh 1 Comment मैं जब भी मित्रो को ऑनलाइन देखता हूं… दिल में बहुत सकून होता है… . . . . . . . कि मैं अकेला ही निकम्मा नहीं बैठा हूँ.. “काम धंधा” इनके पास भी नहीं है. Copy
Bilkul sahi hai