शाम को जब घूमने निकला तो देखा दुकानों पर लगे जितने भी बोर्ड दिखाई दिए, उनमें लिखे हुए सारे बोर्डस् में एक आधा शब्द तो “अंग्रेजी” का जरूर था…
जैसे :- संजय सर्विस स्टेशन
अजय मेडिकल स्टोर
विजय फोटो कॉपी सेंटर
बबलू हेयर कटिंग
शिवा बार एंड होटल
गणेश लॉज
ज्योति हॉस्पिटल… इत्यादि.
मन बड़ा खिन्न था, हिंदी की यह दशा देखकर ।
परंतु फिर एक बोर्ड दिखा और सिर्फ एक ही बोर्ड ऐसा जो हमेशा पूर्ण हिंदी में ही लिखा हुआ होता है,
जिससे हमे भारतीय होने का गर्व महसूस होता है—
ठेका देशी शराब
प्रफुल्लित हो गया मन ,
देश भक्ति जागी , फिर क्या था घुस गए हम !!