एक किसान था जिसके पास तक़रीबन 25 मुर्गियां और एक बूढ़ा मुर्गा था। किसान को लगा कि अब मुर्गा बूढ़ा हो गया है और वो अकेला इन मुर्गियों के लिए काफी नहीं है तो उसने एक नया मुर्गा खरीद लिया।
बूढ़ा मुर्गा नए मुर्गे से: आओ तुम्हारा स्वागत है। हम मिलकर काम करेंगे।
नया मुर्गा: मिलकर क्या मतलब? जहाँ तक मैं समझता हूँ तुम बूढ़े हो चुके हो और तुम्हें अब रिटायर हो जाना चाहिए।
बूढा मुर्गा: यहाँ 25 मुर्गियां हैं। क्या मैं तुम्हारी कोई मदद नहीं कर सकता?
नया मुर्गा: नहीं बिल्कुल नहीं, यह सारी मेरी हैं।
बूढा मुर्गा: ठीक है तुम्हें मुझसे मुक़ाबला करना होगा और अगर मैं जीत गया तो तुम्हें मुझे एक मुर्गी देनी होगी और अगर मैं हार गया तो यह सारी मुर्गियां तुम्हारी।
नया मुर्गा: कैसा मुक़ाबला?
बूढा मुर्गा: 50 मीटर की दौड़, यहाँ से उस पेड़ तक। क्योंकि मैं थोड़ा उम्रदराज़ हूँ इसलिए उम्मीद करता हूँ कि तुम मुझे 10 मीटर आगे से दौड़ शुरू करने दोगे।
नया मुर्गा: मुझे मंजूर है। हम कल सुबह मुक़ाबला शुरू करेंगे।
अगले दिन सुबह नए मुर्गे ने बूढ़े मुर्गे को 10 मीटर आगे से दौड़ शुरू करने दी। जब बूढा मुर्गा 10 मीटर आगे पहुँच गया तो नया मुर्गा झट से उसके पीछे भागने लगा।
अचानक एक गोली की आवाज़ आई। इससे पहले कि नया मुर्गा बूढ़े मुर्गे को पछाड़ता किसान ने उसे मार दिया और बोला, “यह पांचवा मुर्गा था जिसे मैं लेकर आया और यह भी साला बाकी मुर्गों की तरह ‘समलैंगिक’ निकला!”