आज वो कई सालों बाद मिली। मेरे पूछने से पहले उसने ही पूछ लिया, “क्या कर रहे हो आजकल?”

मैं भी भोलाभाला, बोल दिया, “बच्चों की पढ़ाई करवाता हूँ, किराना सामान लेकर आता हूँ, बीवी की बातें सुनता हूँ, खाना भी पकाता हूँ …काम भी करता हूँ।”

सब सुनकर बोली, “ग़लती हो गयी रे! तुझे ही हाँ बोलना था।”


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