Preet Singh Leave a comment ज़िन्दगी में भले एक गर्लफ्रेंड तक ना हो फिर भी… जगजीत सिंह की ग़ज़लें सुनने बैठो तो लगता है जैसे 10-12 छोड़ के चली गयी हों… Copy