यमलोक के दरवाजे पर दस्तक हुई तो यमराज ने जाकर दरवाजा खोला।
.
.
उन्होंने बाहर झांका तो एक मानव को सामने खड़ा पाया।
.
.
यमराज ने कुछ बोलने के लिए मुंह खोला ही था कि वह एकाएक गायब हो गया।
.
.
यमराज चौंके और फिर दरवाज़ा बंद कर लिया।
.
.
यमराज अभी वापस मुड़े ही थे कि फिर दस्तक हुई। उन्होंने फिर दरवाजा खोला। उसी मानव को फिर सामने मौजूद पाया, लेकिन वह आया और फिर गायब हो गया।
.
.
ऐसा तीन-चार बार हुआ तो यमराज अपना धैर्य खो बैठे और अबकी बार उसे पकड़ ही लिया और पूछा, “क्या बात है भाई, क्या ये आना-जाना लगा रखा है।
मुझसे पंगा ले रहे हो?”
.
.
.
.
मानव ने बड़ी सहजता पूर्वक जवाब दिया, “अरे नहीं महाराज, दरअसल मैं तो वैंटीलेटर पर हूं और यह डॉक्टर लोग ही हैं जो आपसे मस्ती कर रहे हैं।”