Preet Singh Leave a comment एक ढाबा ग्राहक – मेरी चाय मै मक्खी डूब कर मरी पड़ी है | ढाबा वाला – तो क्या करू ? मै ढाबा चलाऊ या इन्हे तैरना सीखाऊँ | Copy