किस्मत का खेल!
परसों मेरा जन्मदिन था, जब मैं सुबह उठा तो न मेरी बीवी ने मुझे शुभ कामनाएं दी न मेरे बच्चों ने। मैं बड़े दुखी मन से घर से ऑफिस जाने के लिए निकला। रास्ते में मेरे सभी दोस्त मिले पर किसी ने भी मुझे शुभ कामनाएं नहीं दी।
जब मैं इसी दुखी मन से अपने केबिन में जा रहा था तो मेरी खूबसूरत सेक्रेटरी बोली, “जन्मदिन मुबारक हो सर।”
मैं खुशी से फूला न समाया, फिर उसने मुझे कहा कि एक साथ लंच करते हैं। हम लंच के लिए बाहर चले गए। लंच करने के बाद वो बोली, “क्या आप मेरे साथ मेरे घर चलोगे? आपको कुछ खास देना है।”
मैं बड़ी खुशी से उसके घर चला गया। मुझे अपने बैडरूम में बिठा कर वो बोली, “सर, मैं 5 मिनट बाथरूम से होकर आई।”
मैंने ख़ुशी से कहा, “ठीक है।”
कुछ देर बाद जब वो अंदर आई तो उसके हाथ में केक था और साथ में मेरी बीवी, मेरे बच्चे और मेरे सभी दोस्त थे।
और मैं उसके इंतज़ार में बेड पर नंगा बैठा हुआ था।


Related Posts

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *