Preet Singh Leave a comment तुम्हारी आशिकी आसान है, रजाई में लेटे लेटे फ़ोन पर हो गयी किस्सी और सारी बातें, हमें तो सुबह की चुम्मी के लिए इस ठण्ड में साइकिल चला कर जाना पड़ता था ! Copy