Preet Singh Leave a comment न जाने सालों बाद कैसा समां होगा, हम सब दोस्तों में से कौन कहा होगा, फिर अगर मिलना होगा तो मिलेंगे ख्वाबों मे, जैसे सूखे गुलाब मिलते है किताबों मे. Copy