Preet Singh Leave a comment लाख दलदल हो , पाँव जमाए रखिये हाथ खाली ही सही, ऊपर उठाये रखिये; . . कौन कहता है छलनी में, पानी रुक नही सकता; बर्फ बनने तक, हौसला बनाये रखिये । Copy