अपने खिलाफ बातों को अक्सर मैं ख़ामोशी से सुनता हूँ क्योकि जवाब देने का हक़.. मैंने वक़्त को दे रखा है
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मेरे व्यकितत्व और मेरे रवैये को मिलाइये मत, क्योकि मेरे व्यकितत्व मै हूँ और मेरा रवैया, आप पर निर्भर करता Continue Reading..
तख्तो-ताज की चिँता तो बादशाहो को होती है . हम तो अपनी रियासते अपने साथ लेकर घुमते है
जब दुश्मनी में मज़ा आने लगता है तो ….. साले दुश्मन माफी मांगने लग जाते है
सीधे आदमी है,सीधे आदमी की तरह रहने दो…. अगर दादागीरी पे आ गए ना तो वही पुराना अंदाज, सरपे ताज Continue Reading..
मेला लग जायेगा उस दिन शमशान मे, जिस दिन मे चला जाँऊगा आसमान मे
बस यही सोच कर हर तपिश में जलते आये हैं, धूप कितनी भी तेज़ हो समंदर सुखा नहीं करते…
हुकुमत वो ही करता है जिसका दिलो पर राज हो!! वरना यूँ तो गली के मुर्गो के सर पे भी Continue Reading..
” बुंलदी तक पहुंचना चाहता हूँ मै भी, पर गलत राहो से गुजर के जाऊ ” इतनी भी जल्दी नही Continue Reading..