~ Waqt Sab Kuch Cheen Leta Haii, Yeh Toh Phir Ek Muskurahat Thii .. ‘
तेरा नाम जुबाँ पर आते आते रुक जाता है… . जब कोई मुझसे मेरी आखरी ख्वाहिश पूछता है…
आज रुठा हुआ इक दोस्त याद आया, अच्छा गुजरा हुआ कुछ वक्त बहुत याद आया।
फ़रिश्ते ही होंगे जिनका हुआ “इश्क” मुकम्मल, इंसानों को तो हमने सिर्फ बर्बाद होते देखा है….!!
जारी है मेरी कलम से स्याही का रिसना….. बस तुम दर्द देने का सिलसिला बरकरार रखना !
हिसाब बराबर करने का बड़ा शौक़ रखते हो न तुम….. देखो मैंने याद किया है तुम्हें,लो अब तुम्हारी बारी।।
इक झलक जो मुझे आज तेरी मिल गयी मुझे फिर से आज जीने की वजह मिल गयी
Kisi insan k sath aisa salok na karo jaisa tum apny sath nahi chahty
Gul shaakh se bichrey to kahin ka nahin rehta, Tum khud ko juda meri zaat se kuch soch ke karna..
Your email address will not be published. Required fields are marked *
Comment *
Name *
Email *