दिल पे लगे वैसे तो घाव बहुत है एक तेरा बिछड़ना खामोश कर गया….
मौजूद थी उदासी अभी पिछली रात की, बहलाया था दिल ज़रा सा के फिर रात हो गयी…
एक तो सुकुन और एक तुम, कहाँ रहते हो आजकल मिलते ही नही.
एक कोशिश है कि कोई दिल के ज़ख्म ना देख ले , एक ख्वाइश है कि काश ! कोई देखने Continue Reading..
हाथ की लकीरें भी कितनी अजीब हैं, हाथ के अन्दर हैं पर काबू से बाहर…
बहुत देर तक मेरे साथ रहा करती है…. ये जो ख़ामोशी है न तेरी…. बहुत कुछ कहा करती है….!!
यूं तो लग जाती है बद्दुआ भी किसी की, वक्त रहते दुआ मांग कर देखिए जरा
~ Shikway To Buhat Hain ,Magar Shikayat Nahe Kar Sakta ~ ~ Mere Honton Ko Ijazat Nahe HaiUske Khilaf Bolne Continue Reading..
जारी है मेरी कलम से स्याही का रिसना….. बस तुम दर्द देने का सिलसिला बरकरार रखना !
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