एक तो सुकुन और एक तुम, कहाँ रहते हो आजकल मिलते ही नही.
सारी ज़िंदगी रखा है बे-वफ़ा रिश्तों का भरम___!! सच पूछो तो कोई भी अपने “सिवा अपना” न था____!!!
Bahut Rulaya Hai Logon Ne Pyar Ki Khatir Aye Maut.! Agar Tu Sath De Toh Sabh Ko Rulane Ka Irada Continue Reading..
एहसान जताना जाने कैसे सीख लिया.. मोहब्बत जताते तो कुछ और बात थी।
Dil bhi gustakh ho chala tha mera.. Shukar he aap be wafaa niklay..
~Sham Hote Hi Chiraghon Ko Bhuja Deti Hoon, Dil Hi Kaafi Hay Teri Yaad Main Jalne K Liye .. ‘
खुदा कि बंदगी कुछ अधुरी रह गयी, तभी तेरे मेरे बीच ये दूरी रह गयी.
-Hum Se Badal Gaya Wo Nigahen To Kya Huya, Ziinda Hain Kitne Log Mohabbat Kiye Bagair .. ‘
तरस जाओगे मेरे लबोँ से सुनने को एक लफ्ज, प्यार की बात तो दूर, हम शिकायत भी नही करेगे
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