बहुत शख्स मिले जो समझाते थे मुझे…. काश…कोई मुझे समझने वाला भी मिलता….
ख़ुशी कहा हम तो “गम” चाहते है, ख़ुशी उन्हे दे दो जिन्हें “हम” चाहते हे. –
चलता रहूँगा मै पथ पर, चलने में माहिर बन जाउंगा, या तो मंज़िल मिल जायेगी, या मुसाफिर बन जाउंगा !
दीवार का कैलेंडर तो बदलता है हर साल, ए-ख़ुदा अब के बरस हालात भी तो बदल दे !!
Ruke to chaand, chale to hawaaoon jaiaa hai Woh shakhs dhoop me dhekhoo to chaaon jaisa hai
ख़ुशी कहा हम तो “गम” चाहते है, ख़ुशी उन्हे दे दो जिन्हें “हम” चाहते हे.
हमने तो एक ही शख्स पर चाहत ख़त्म कर दी .. अब मोहब्बत किसे कहते है मालूम नहीं..
उसके जाने के बाद मोहब्बत नहीं करते हम किसी से छोटी सी ज़िन्दगी है किस किस को आजमाते रहेंगे
~जाते वक्त उसने मुजसे अजीब सी बात कही ” तुम जिंदगी हो मेरी, और मुझे मेरी जिंदगी से नफरत है
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