बहुत शख्स मिले जो समझाते थे मुझे…. काश…कोई मुझे समझने वाला भी मिलता….
तेरा नाम था आज किसी अजनबी की जुबान पे… बात तो जरा सी थी पर दिल ने बुरा मान लिया…
Teri Sorat Ko Daikhnay Walay !! Apni Aankhon Se Pyar Kartay Hain……..!!!
गुनहगारों की आँखों में झूठे ग़ुरूर होते हैं, हाँ शर्मिन्दा तो सिर्फ़ बेक़सूर होते हैं..!
मुस्कुरा के देखो तो सारा जहाँ रंगीन है। वर्ना भीगी पलकों से तो आईना भी धुंधला दिखता है।।
Meri Wafa Fareb Thi,, Meri Wafa Pe khaak Daal.!! Tujh Sa Hi koi Ba’Wafa Tujh Ko Mily Khuda Kary.!!
मुझे मालूम था के लौट के अकेले ही आना है, फिर भी तेरे साथ चार कदम चलना अच्छा लगा..
अंदाजा लगाओ मेरी मोह्हबत का इस बात से ही. तुम्हारे नाम का हर शख्स मुझे अच्छा लगता है…!!
“क्या लिखूँ अपनी जिंदगी के बारे में दोस्तो, वो लोग ही बिछड़ गए जो जिंदगी हुआ करते थे !!”
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