जो जिन्दगी आप अभी जी रहे है बहुत से लोगो के लिए अभी भी सपना है
शुक्र है हँसी बाजार में नहीं बिकती साहब, वरना लोग गरीबों से यह भी छीन लेते
तहजीब देखता हूँ मैं गरीबों के घर में दुपट्टा फटा हो फिर भी सर पर होता है
जो छलक न पाए ‘आँसू’ … उन्हें ‘बेबसी’ समझना … जो छलक जाए, उन्हें मेरी ‘बेसब्री’ समझना ।।
जुबां कह न पाई मगर,आँखे बोलती ही रही, कि मुझे सांसो से पहले तेरी जरूरत है.
जिन्दगी में ‘कुछ’ चीजे भुलाई नही जा सकती मेरी जिन्दगी में सब ‘कुछ’ सिर्फ तुम ही हो
ऐ खुदा हिचकियों में कुछ तो फर्क डालना होता अब कैसे पता करूँ कि कौनसी वाली याद कर रही है
बहुत अकेला कर दिया है मेरे अपनो ने मुझे, समझ नहीं आता कि मैं बुरा हूँ या मेरी किस्मत.
Us Ke Ik Ik Lamhe Ki Hifazat Karna, AY KHUDA Masoom Saa Chehra Hai Udaas Ho To Achaa Nhi Lagta…!!!
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