इक तो नहीं सजन मेरे पास नही रे… दूजे मिलन दी कोई आस नही ऱे….
उसके चले जाने के बाद हम महोबत नहीं करते किसी से, छोटी सी जिन्दगी है किस किस को अजमाते रहेंगे|
हाथ की लकीरें भी कितनी अजीब हैं, हाथ के अन्दर हैं पर काबू से बाहर…
!! हम आये हैं तेरे शहर में एक मुसाफ़िर की तरह ऐ अज़नबी बस एक बार मुलाकात का मौका देदे Continue Reading..
गुनहगारों की आँखों में झूठे ग़ुरूर होते हैं, हाँ शर्मिन्दा तो सिर्फ़ बेक़सूर होते हैं..!
आज तक कायम है उसके लौट आने की उम्मीद आज तक ठहरी है जिंदगी अपनी जगह
Band muthhi se girti hui rait ki manind … Bhula dia na tum ne mujhe zarra zarra kr k
अगर आप अपनी रोटी अच्छी पका रहे है तो, #मक्खन लगाने वाले अपने आप आपके पास आ जाएँगे.
ये तो सच है की हमें चाहने वाले बहुत है, पर ये मेरी भी ज़िद है की हमें सिर्फ तुम Continue Reading..
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