साँस तो लेने दिया करो… आँख खुलते ही याद आ जाते हो..
हाथ की लकीरें भी कितनी अजीब हैं, हाथ के अन्दर हैं पर काबू से बाहर…
भूले हैं रफ्ता-रफ्ता उन्हें मुद्दतों में हम, किश्तों में खुदकुशी का मज़ा हम से पूछिए.
Kal tujhse bichrdne ka faisla kar liya tha!! Aj apne hi dil ko rishwat de rahi hu!!
जिंदगी की उलझनों ने मेरी शरारतें कम कर दीं, और लोग समझते है कि मैं समझदार हो गया
Dil na ummeed nahi nakam hi to hai.. Lambi hai ghum ki shaam magar shaam hi to hai…
मुहब्बत है गर, तो मिज़ाज ज़रा नर्म रक्खो हुज़ूर.. ज़िद्दी होने से, इश्क़ के सुकून में ख़लल पड़ता है..
कौन है इस जहाँ मे जिसे धोखा नहीं मिला, शायद वही है ईमानदार जिसे मौक़ा नहीं मिला
कैसे भुला देते हैं लोग तेरी खुदाई को, या रब! मुझसे तो तेरा बनाया हुआ एक शख्स, भुलाया नहीं जाता……..
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