jindaa rhne k liye…. rooh ki jrut hoti h saash ki nhi..
बारिश और महोबत दोनों ही यादगार होते हे,❤ बारिश में जिस्म भीगता हैं और महोबत मैं आँखे.
~ Kab Do Ge Nijaat Mujhe In Raato’n Ki Tanhai Se Aye Ishq Apne Zulm Dekh Aur Meri Umer Dekh Continue Reading..
कितना समेटे खुद को बार बार, टूट के बिखरने की भी सीमा होती है ||
अब समझ में आया की इसका क्या मतलब होता है… कि “जो होता है अच्छे के लिए होता है.
मेरी कहानी तुम सुन सको…!!! . . इतने आँसू कहाँ हैं तुम्हारे पास…!!!
हम गुम थे एक खयाल में इस कदर खुद को ढूंढने का वक्त ही नहीं मिला
तुम से जिद करते तो हम मांगते क्या…! खुद से जिद करके तो तुमको मांगा था.
~ Ek Chehre Pe Hazzar Chehre Haii, Kis Chehre Ka Aitbaar Karoon .. ‘
Your email address will not be published. Required fields are marked *
Comment *
Name *
Email *