“सूखे हुए दरिया से इक नाव लगी कहने, अपना भी जाने अब किस बात से रिश्ता है
ना कर शक मेरी मोहब्बत पर ऐ पगली…. . अगर सबूत देने पर आया तो तू बदना हो जायेगी…
गिला बनता ही नहीं बेरुखी का, दिल ही तो है, भर गया होगा।
इस तरह से लूटा है हमें इश्क-ए तमन्ना नें, कि ज़िन्दगी भी छीन ली और जान से भी नही मारा
इश्क में इसलिए भी धोखा खानें लगें हैं लोग दिल की जगह जिस्म को चाहनें लगे हैं लोग..
काश तू मुझसे बस इतनी सी मोहब्बत निभा दे, जब मै रुठु तो तू मुझे मना ले |
अगर आप अपनी रोटी अच्छी पका रहे है तो, #मक्खन लगाने वाले अपने आप आपके पास आ जाएँगे.
जुबां कह न पाई मगर,आँखे बोलती ही रही, कि मुझे सांसो से पहले तेरी जरूरत है.
वो न आए उनकी याद वफ़ा कर गई; उनसे मिलने की चाह सुकून तबाह कर गई; आहट दरवाज़े की हुई Continue Reading..
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