“सूखे हुए दरिया से इक नाव लगी कहने, अपना भी जाने अब किस बात से रिश्ता है
दर्द हैं दिल में पर इसका ऐहसास नहीं होता… रोता हैं दिल जब वो पास नहीं होता… बरबाद हो गए Continue Reading..
सीख रहा हूँ धीरे-धीरे तेरे शहर के रीवाज . जिस से मतलब निकल जाये उसे जिंदगी से निकाल दो
कुछ पतंगें तो मैंने यहीं सोचकर काट दी यारों… कि उन्हें बेचकर चौराहे पर खड़े ग़रीब का पेट तो भरेगा Continue Reading..
नींद छीन रखी है उसकी यादों ने, गिला उसकी दूरी से करें या अपनी चाहत से !!
मर जाने के लिये थोडा सा जहर काफी है पर जिन्दा रहने के लिए काफी सारा जहर पीना पडता है
मुझे नींद की इजाज़त भी उसकी यादों से लेनी पड़ती है, जो खुद सो जाया करती है मुझे करवटों में Continue Reading..
एक गलत इन्सान की वजह से कभी कभी, हमें पूरी दुनिया से नफरत हो जाती है !!
जिँदगी से आप जो भी बेहतर से बेहतर ले सको ले लो क्योकि जिँदगी जब लेना शुरू करती है तो Continue Reading..
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