“सूखे हुए दरिया से इक नाव लगी कहने, अपना भी जाने अब किस बात से रिश्ता है
बादशास की गली मे आकर कभी पता नही पूछा करते . गुलामो के झुके हुए सर खुदबखुद रास्ता बता देते Continue Reading..
मैं भी कभी हँसता, खेलता था….!! कल एक पुरानी तस्वीर में, देखा था खुद को.
मैं हँसता हूँ तो बस अपने ग़म छिपाने के लिए.. और लोग देख के कहते है काश हम भी इसके Continue Reading..
!Shukar MaaN Ke Maine tere se kabi ‘Mulaakat’ Nhi Ki, WarNaa Tere DiL Ko to TerE KhilaaF Krr DeTa….
Hawa jab zard pattO’n kO juda shakhOn se krti hai ___ Mujhe tum se bichar jana bOht hi yad ata Continue Reading..
एक बीज “मोहब्बत “का क्या बो दिया…!!! . . सारी फसल” दर्द “की काटनी पडी…!!!
Bhula dia hota use kab ka ae dost.. kaash ki usne kaha na hota ki mujhe kabhi bhul mat jana.
नाराज़गियों को कुछ देर चुप रह कर मिटा लिया करो, . ग़लतियों पर बात करने से रिश्ते उलझ जाते हैं.
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