दुआ का यूँ तो कोई रंग नहीं होता मगर दुआ रंग जरुर लाती है
-Kya Itne Door Nikal Aaye Hai Hum, Ke Tere Khayalo Me Bhi Nahi Aatey .. ‘
Jab bhi gairon ki inayat dekhi,😆 Humko apno ke sitam yaad aa gaye..!!
मैं आपकी नज़रों से नज़र चुरा लेना चाहता हूँ,😍 देखने की हसरत है बस देखते रहना चाहता हूँ
वो ना ही मिलते तो अच्छा था… बेकार में मोह्हबत से नफ़रत हो गयी
जो छलक न पाए ‘आँसू’ … उन्हें ‘बेबसी’ समझना … जो छलक जाए, उन्हें मेरी ‘बेसब्री’ समझना ।।
Yani tarteeb e sitam ka b salika tha usy… Us ne pathar b uthaya mujhe pagal kar k…
~Aaj Ki Shaam Bhii Qayamat Kii Tarha Guzrii, Na’Jane Kya Baat Thii Har Baat Pe Tum Yaad Ay .. ‘
क्या करामात है कुदरत का जिन्दा इँसान पानी मे डुब जाता है और मुर्दा तैर के दिखाता है
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