अच्छा हुआ तूने ठुकरा दिया .. तेरा प्यार चाहिये था, एहसान नही
Glti meri hi thi vo pappi pappi mangti rhi or me kutte ka bachaa dhundta RHA……..
कौन कहता है कि मुसाफिर ज़ख़्मी नहीं होते, रास्ते गवाह है बस गवाही नहीं देते.
सारी उम्र जिस घर को सजाने में गुजार दी , उस घर में मेरे नाम की तख्ती तलक नहीं !
Gham_e_khas perr kabhi chup rhy … Kabhi rO diy gham_e_aam per …!!!
छोड़ तो सकता हूँ मगर छोड़ नहीं पाता उसे, वो शख्स मेरी बिगड़ी हुई आदत की तरह है.. …
Kabhi Waqt Mila To Suljhaon Ga Teri Sabhi Uljhaney, Abhi To Khud Uljha Hua Hun Waqt Ko Suljhane Main
परेशानी का कोई पैमाना नही होता साहब| मै तो ये सोचकर भी परेशान हो जाती हूँ कि कमिटी(committee) की स्पेलिंग Continue Reading..
बहुत देर करदी तुमने मेरी धडकनें महसूस करने में. वो दिल नीलाम हो गया, जिस पर कभी हकुमत तुम्हारी थी.
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