अच्छा हुआ तूने ठुकरा दिया .. तेरा प्यार चाहिये था, एहसान नही
तेरी बेरुखी ने छीन ली है शरारतें मेरी, और लोग समझते हैं कि मैं सुधर गया हूँ..!
एक से टूटा तो दूसरे ✔ से जोड़ लेते हैं, आजकल रिश्ते भी वाई फाई के नेटवर्क की तरह हैं.
मैं रोज अपने खून का दिया जलाऊँगा, ऐ इश्क तू एक बार अपनी मजार तो बता
~Uljhe Huye Hai Apni Uljhone Meiin Ajkal, Tum Yeh Na Samjhana Ke Ab Woh Chahat Na Rahii..
Apni yaadon se kaho ek din ki chutti de mujhe… Ishq ke hisse mein bhi itwaar hona chahiye..
~Tujhe Roz Dekhu Kareeb Se Mere Shoq Bhii Haii Ajeeb Se .. ^
Jab bhi gairon ki inayat dekhi,😆 Humko apno ke sitam yaad aa gaye..!!
पता नहीं कैसी नजर लगी जमाने की साली अब कोई वजह नहीं बनती मुस्कुराने की!!!
Good
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