तुम तो मुझे रुलाकर दूर चले गये.. मै किससे पूछूँ मेरी खता क्या है..
तेरी जगह आज भी कोई नहीं ले सकता , पता नहीं वजह तेरी खूबी है या मेरी कमी..!!
मुकद्दर में लिखा के लाये हैं दर-ब-दर भटकना.. मौसम कोई भी हो परिंदे परेशान ही रहते हैं…
~Ek Dusre Sey Mil Kar Porrey Hote Haiin, Adhii Adhii Ek Kahani Haiin Hum Dono .. ‘
दुनिया मैं हर कोई एक दूसरे सें जल रहा है..! फिर भी कम्बख़्त इतनी ठण्ड क्यों पड़ रही है..!!
यूँ तो मुक्कमल कर दिया है मुझे इश्क़ ने तेरे.. पर तक़दीर के चलते रह गए ज़िन्दगी के कुछ पन्ने Continue Reading..
पेड़ को काटने आये हैं कुछ लोग, मगर, धूप बहुत तेज है तो, उसकी छांव में बैठे हैं……….
शायरी शौक नही, और नाही कारोबार है मेरा, बस दर्द जब सह नही पाता, तो लिख देता हूँ
~Woh Bole Mohabbat Ka Sagar Bohat Gehra Haii, Hum Ne Kaha Doobny Wale Kabhi Socha Nahi Kartey .. ‘
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