तुम तो मुझे रुलाकर दूर चले गये.. मै किससे पूछूँ मेरी खता क्या है..
सिलसिला ये चाहत का दोनो तरफ से था, वो मेरी जान चाहती थी और मैं जान से ज्यादा उसे।
भरोसा तो अपनी साँसों का भी नही है, और हम इंसानो पर करते है
दिल करता है कहीं इस तरह गुम हो जाऊँ ……. रहू सबके सामने पर किसी को नजर ना आऊँ .
Hote hain shayad sirf nafrat mein hi pakke rishte, Warna ab to tan se libaas utarne ko mohhabat kehte h
हमने भी अब ठान लिया है, तुम दर्द दो और हम मुस्कुराएंगे !!
तू मुझे भुलाने की कोशिश तो कर, पल पल याद आऊँगी खुशबू की तरह
Udaasii Kaan Meiin Chup Kay Sey Kehney Lagii, Meiin Thak Gaye Hoon Chalii Jaun Agar Ijazat Ho ..
जो छलक न पाए ‘आँसू’ … उन्हें ‘बेबसी’ समझना … जो छलक जाए, उन्हें मेरी ‘बेसब्री’ समझना ।।
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