-Lo Badal Geya Mausam, Hoo’Ba-Hoo Terii Tarah .. ‘
बस खयालात की ही तो बात हे ,, वरना ये महोब्बत और नफरत एक ही दिल से होता है !!
हर बार हम पर इल्जाम लगा देते हो मोहब्बत का….!! कभी खुद से भी पूछा है इतनी खुबसूरत क्यों हो….!!
ये दुनियाँ के तमाम चेहरे तुम्हें गुमराह कर देंगें.. तुम बस मेरे दिल में रहो, यहाँ कोई आता जाता नहीं
कटी पतंग का रूख तो था मेरे घर की तरफ . पर उसे लूट लिया ऊँचे मकान वालों ने
धमकियाँ देता है और वो भी जुदाई की, मुहब्बत में भी देखो बदमाशियाँ मेरे यार की___
हज़ारो मैं मुझे सिर्फ़ एक वो शख्स चाहिये जो मेरी ग़ैर मौजूदगी मैं मेरी बुराई ना सुन सके !!
दुनिया मैं हर कोई एक दूसरे सें जल रहा है..! फिर भी कम्बख़्त इतनी ठण्ड क्यों पड़ रही है..!!
हवस का आलम तो देखिये हुजूर… संतरे भी दबा दबाकर खरीदते हैं
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