पत्थर समझ कर हमे मत ठुकराओ कल हम मंदिर मे भी हो सकते है
हम बने ही थे तबाह होने के लिए.. तेरा छोड़ जाना तो महज़ इक बहाना था.
माँ तो माँ है जो पहेचान ही लेती है,* *की आँखें सोने से लाल है या रोने से !!
हमने लिया सिर्फ होंठों से जो तेरा नाम.. दिल होंठो से उलझ पड़ा कि ये सिर्फ मेरा है !!
कितनी बुरी आदत है ना मेरी….* *बहुत जल्दी भरोसा कर लेता हूं लोगो पर
तुम साथ हो तो मुकद्दर पे हकुमत हैं अपनी। बिन तेरे ज़िन्दगी की औकात ही क्या हैं।।
जी रहे है तेरी शर्तो के मुताबिक़ ए जिंदगी, दौर आएगा कभी, हमारी फरमाइशो का भी….!!
“”कुछ तो रहम कर ए-संग दिल सनम, इतना तङपना तो लकीरों मे भी न था..
दोस्तो से अच्छे तो मेरे दुश्मन निकले,, कमबख्त हर बात पर कहते हैं कि तुझे छोडेंगे नहीं.
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