पत्थर समझ कर हमे मत ठुकराओ कल हम मंदिर मे भी हो सकते है
क्यों याद करेगा कोई बेवजह मुझे ऐ खुदा , लोग तो बेवजह तुम्हे भी याद नहीं करते !!”
Chup chap chal rahay thay safar-e-hayat mein Tum pe nazar pari to, gumrah se ho gaey.
यूं तो लग जाती है बद्दुआ भी किसी की, वक्त रहते दुआ मांग कर देखिए जरा
Bicharna Jin Se Na mumkin Samjhta Tha Mujhe Un Say Mile Ab TO Zamany Beet GayE.
कमज़ोर पड़ गया है मुझसे तुम्हारा ताल्लुक … या कहीं और सिलसिले मजबूत हो गए हैं..
~Tujhe Roz Dekhu Kareeb Se Mere Shoq Bhii Haii Ajeeb Se .. ^
*फिर उड़ गयी नींद ये सोच कर……* *सरहद पर बहा वो खून मेरी नींद के लिए था…..!!
मालूम नहीं मुझे मेरी फितरत में क्या है ‘ ये तो वो दिन बताएगा जब मेरे जाने की खभर आएगी.
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