मजबुरीयां तुमहारी थी और देख …!! तनहा हम हाे गऐ
बहन का प्यार है इसमें हिफाज़त का तक़ाज़ा भी, इसी रेशम के धागे पर कलाई नाज़ करती है।
धमकियाँ देता है और वो भी जुदाई की, मुहब्बत में भी देखो बदमाशियाँ मेरे यार की___
ना किया करो कभी किसी से दिल दुखाने वाली बात, सुना है दिल पे निशाँ रह जाते हैं सदियो तक.
उसको भूल जाने की कसम तो खाता हूँ मैं, फिर टपक पड़ते है आँसूं और कसम टूट जाती है !!
Meherbani na sahi ek zakhm hi de de, Mehsus to ho koi mujhe bhula nai ab tak
यार वो लम्हा भी कितना खास होगा…. जब तू सिर्फ और सिर्फ मेरे साथ होगा..!!
~Yoon Naa Dekha Karo Khuda Ke Waaste, Barh Gyi Nah Mohabbat Toh Musibat Ho Jayegi .. ^
जरा तो शर्म करती तू पगली. मुहब्ब्त चुप चुप के और नफरत सरे आम.
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