मेरी एक छोटी सी बात मान लो, लंबा सफर है फकीरा हाथ थाम लो…
वो कहते हैं हम जी लेंगे खुशी से तुम्हारे बिना, हमें डर है वो टूटकर बिखर जायेंगे हमारे बिना।
खुद को बिखरने मत देना कभी किसी हाल मे, लोग गिरे हुए मकान की ईटेँ तक ले जाते है
काश मेरा घर तेरे घर के करीब होता, बात करना ना सही, देखना तो नसीब होता
जनाजा भारी था उस गरीब का क्यूंकी, वो अपने सारे अरमान साथ लिए जा रहा था
Normal People – थोड़ा है, थोड़े की ज़रूरत है। Sharabi – दारु है, सोडे की जरूरत है।
ऐ-दिल ज़रा मालूम तो कर,कहीं वो तो नहीं आ रहें . महफिल में उठा हैं शोर माशाअल्लाह-माशाअल्लाह
Ek sukun or ek tum Pta nhi Kahn gum ho jate ho
तेवर तो हम वक्त आने पर दिखायेँगेँ.. शहर तुम खरीद लो हूकूमत हम चलायेँगेँ
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