मुझे अपने दर्द की परवाह नही भगवान करे तू हमेसा खुश रहे
जो लम्हा साथ हैं, उसे जी भर के जी लेना. कम्बख्त ये जिंदगी.. भरोसे के काबिल नहीं है.!
कहता है इबादत करता हूँ पर दिल की जगह जुबा से काम लेता हूँ
मोह्हब्ब्त किसी से तब ही करना जब निभाना सिखलो .. मजबूरियों का सहारा लेकर छोड़ देना वफादारी नही होती.
मालूम नहीं मुझे मेरी फितरत में क्या है ‘ ये तो वो दिन बताएगा जब मेरे जाने की खभर आएगी.
जब भी देखती है मुझे, नज़रें झुका लेती है वो, खुदा का शुक्र है, हमें पहचान तो लेती है वो।
वादो से बंधी जंजीर थी जो तोड दी मैँने, अब से जल्दी सोया करेंगे , मोहब्बत छोड दी मैँने….
में बहुत ज़ालिम हूँ ऐ मेरे दिल….. तुझे हमेशा उसके हवाले किया है, जिसे तेरी कदर ही नहीं…!!
‘बड़ी बारीकी से तोडा है, उसने दिल का हर कोना, मुझे तो सच कहुँ, उस के हुनर पे नाज़ होता Continue Reading..
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