वो सामने आये तो अज़ब तमाशा हुआ;
हर शिकायत ने जैसे ख़ुदकुशी कर ली।
बेक़रारी देख ली तूने, अब तू मेरी खामोशी देख इतना ख़ामोश रहूँगा मैं,की अब चीख़ उठेगी तू….
हमने लिया सिर्फ होंठों से जो तेरा नाम.. दिल होंठो से उलझ पड़ा कि ये सिर्फ मेरा है !!
इतना आसान नही जीवन का किरदार निभा पाना, इंसान को बिखरना पड़ता है रिश्तो को समेटने के लिए.
एक ही समानता है पतंग औऱ जिन्दगी मॆं.. ऊँचाई में हो तब तक ही वाह-वाह होती हैं!!
ये शहर आजकल वीरान पड़ा है, सुनने में आया है कि, उनकी पायल खो गयी है।
सारा बदन अजीब से खुशबु से भर गया शायद तेरा ख्याल हदों से गुजर गया..
मैं भी कभी हँसता, खेलता था….!! कल एक पुरानी तस्वीर में, देखा था खुद को.
कितनी मासूम सी है ख्वाहिस आज मेरी कि नाम अपना तेरी आवाज़ से सुनूँ !!!
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