Preet Singh Leave a comment क़यामत के रोज़ फ़रिश्तों ने जब माँगा उससे ज़िन्दगी का हिसाब, ख़ुदा, खुद मुस्कुरा के बोला, जाने दो, ‘मोहब्बत’ की है इसने. Copy