जिस्म छू के तो.. सब गुज़रते हैं.. रूह छूता है कोई.. हज़ारों में..
ऐ खुदा हिचकियों में कुछ तो फर्क डालना होता अब कैसे पता करूँ कि कौनसी वाली याद कर रही है
बुराई को खत्म करने निकले तो अच्छाई चार कदम ओर आगे निकल गई…
~ Kabhi Miley Fursat Tu Itna Lazmii Batana Wo Kon Si Mohabbat Haii ? Jo Hum Tumheiin De Na Saky Continue Reading..
गर तू पुलिस वाली होती, पा लेते तुझे कुछ ले दे कर।
जीभ मे हड्डीया नही होती फिर भी जीभ हड्डीया तुडवाने की ताकत रखती है
हाथ मे बस एक ‘बासुँरी’ कि कमी है वरना, गोपिया हमने भी कई ‘फसाई’ है..!!
मिल जायेंगा हमें भी कोई टूट के चाहने वाला अब शहर का शहर तो बेवफा नहीं हो सकता…
~ Aazmaate Hai Log Sabr Mera .. Baar Baar Zikr Kr K Tera .. ^
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