जिस्म छू के तो.. सब गुज़रते हैं.. रूह छूता है कोई.. हज़ारों में..
सीढिया उन्हे मुबारक हो…..जिन्हे छत तक जाना है….. हमारी मन्जिल तो आसमान है..रास्ता हमे खुद बनाना है..।
जिन्दगी में सताने वाले भी अपने थे, और दफनाने वाले भी अपने थे.
एक बात बता😑 तुमने मेरे बगैर भी, जी कर दिखा दिया, अब सवाल ये है कि “दिल” का क्या हुआ
Bematlab ki duniya ka kissa hi khatm, Ab jis tarah ki duniya us tarah ke hum
मोहब्बत थी, तो चाँद अच्छा था..! उतर गई, तो दाग भी दिखने लगे..
जिंदगी की उलझनों ने मेरी शरारतें कम कर दीं, और लोग समझते है कि मैं समझदार हो गया
ऐ-दिल ज़रा मालूम तो कर,कहीं वो तो नहीं आ रहें . महफिल में उठा हैं शोर माशाअल्लाह-माशाअल्लाह
Na Garz Kisi Se Na Wasta, Mujhe Kaam Hai Apne Kaam Se Tere Zikr Se, Teri Fiker Se , Teri Continue Reading..
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